

रायपुर। जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि आशंका होने पर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट कराया जाना अनिवार्य है। संबंधित व्यक्ति इससे इनकार नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं अगर किसी इलाके में 5 से ज्यादा मरीज मिलते हैं तो उसे कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।
रायपुर में 13 जोन बनाए गए हैं। हर जोन में डिप्टी कलेक्टर रेंज के अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाया गया है। अधिकारियों के कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई है। अधिकारी खुद कार्य नहीं कर बल्कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर छोड़ दे रहे हैं। अब सभी अधिकारियों की हर सप्ताह शुक्रवार को बैठक ली जाएगी।
- अगर एक्टिव सर्विलांस या किसी अन्य माध्यम से किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की आशंका होने पर संबंधित व्यक्ति का टेस्ट कराया जाना अनिवार्य है। इनकार करने पर एफआईआर दर्ज कराई जाए।
- अगर किसी कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होती है तो उसके परिवार के सभी सदस्यों का टेस्ट किया गया है या नहीं। परिवार के एक्टिव सर्विलांस के लिए रिपोर्टिंग नहीं होने पर जिम्मेदार पर कार्यवाही होगी।
- लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि कांटेक्ट सूची में कई मरीजों के नाम और पते गलत मिले। जिसके कारण उन्हें ट्रेस करने में देर हुई। इसके लिए अब स्वास्थ्य कर्मचारी सभी मरीजों को क्रॉस चेक करेंगे।
- अगर किसी कार्यालय या दुकान में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिले या संक्रमित मिला कोई मरीज 14 दिनों में वहां आया और गया हो तो 48 घंटे तक प्रतिष्ठान बंद कर सैनिटाइज कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर एफआईआर दर्ज होगी।
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